कबीर दास एक परिचय :
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Saint Kabir Das |
कबीर दास भक्ति आन्दोलन के प्रमुख प्रणेता में से एक है / उन्होंने सारा जीवन धार्मिक एकता और सहिष्णुता के लिए समर्पित कर दिया / पेशे से जुलाह रहे कबीर दास 15 सदी में एक महान संत , विचारक के रूप में उभरे / हालाँकि वो ज्यादा शिक्षित नही थे मगर उनके विचारों की गहराई इतनी थी कि उनका एक पंथ ही चला जिसे कबीर पंथ के नाम से जानते है /
उनका जन्म वर्तमान काशी में 1398 को माना जाता है / उनके गुरु रामानंद थे (उनके जीवन का संक्षिप्त परिचय जानने की लिए Kabir Das पर क्लिक करे / )
वैसे तो कबीर के दोहे अनगिनत संख्या में है मगर मै उन पंक्तियों से आपको रूबरू करना चाह रहा हूँ जो मुझे प्रिय है /
1. जब गुण को ग्राहक मिले , तब गुण लाख बिकाई /
जब गुण को ग्राहक नही, तब कौड़ी बदले जाई //
अथार्थ : कबीर दास जी का कहना है जब गुण कको परखने वाला कोई मिल जाता है तो गुण की कीमत होती है / पर जब ऐसा नही होता यानी गुण को परखने वाला नही मिलता तो गुण भी कौड़ियो के दाम में जाता है
2 कबीर कहा गरबियो, काल गाहे कर केस /
ना जाने कहाँ मारिसी, के घर के परदेस //
यहाँ कबीर का कहना है की मनुष्य तू अपने क्यों ,किस बात का गर्व करता है काल अपने हाथों में तेरा बाल पकडे हए है / पता नही तुझे वो घर पर मारे या परदेस में मारे
3 काल करे सो आज कर आज करे सो अब ',
पल में प्रलय होएगी बहरी करेगा कब//
कबीर कहते है कि जो काम कल का है वो आज ही कर डालें और जो काम आज का है उसे अभी कर डाले
एक पल में ही सब कुछ ख़त्म हो जायेगा तो शुरू कब करोगे ( अथार्थ जीवन का कोई भरोसा नही है , इसी लिए काम जो भी हो तुरंत कर डालें )
4 दुःख में सुमिरन सब करे सुख में करें न कोय /
जो सुख में सुमिरन करे तो दुःख काहे को होय //
सभी लोग दुःख में ही यानि मुसीबत आने पर ही भगवान् को याद करते है अच्छे दिनों में (सुख के दिनों में ) कोई नही करता / कबीर कहते है कि अगर वे सभी सुख के दिनों में भी भगवान को याद करते तो उन्हें दुःख नही होता
5 पानी केरा बुदबुदा अस मानस की जात , देखत ही छुप जायेगा ज्यों तारा प्रभात //
कबीर दास का कहना है कि प्रयेक प्राणी का जीवन पानी के बुलबुले की तरह है , जो देखते देखते ही ख़त्म हो जाता है , ठीक उसी प्रकार मनुष्य का जीवन भी एक दिन नष्ट हो जाता है जैसे सुबह होते ही तारे आसमान से गायब हो जाते है //
कबीर दास जी ज्यादा शिक्षित तो नही थे मगर उनके दोहे से उनके ज्ञान की गहराई साफ़ झलकती है //
आज कबीर जयंती पर विशेष कबीर के दोहे //
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