डेंगू बुखार और इससे बचाव !

पिछले कुछ दिनों से समाचार पत्रों में डेंगू (DENGUE ) बुखार  की काफी खबरे आ रही है 
डेंगू का विकराल रूप
 बस्तर में पखवाड़े भर पहले का ही रिकार्ड देखें तो इसके आंकड़े बढ़ते जा रहें हैं । इसी बात की चर्चा करने के लिए मै  ये ब्लॉग आप तक पहुचने का प्रयत्न कर रहा हूँ ,क्योकिं आजकल यही चर्चा है ?
डेंगू बुखार और इससे बचाव ! 

क्या है डेंगू और कैसे होता है ?  :-

कहते है किसी बीमारी को अगर भागना हो तो सबसे पहले उसके कारणों को खोज कर उसे दूर करें तो आप बच सकते है , अलग-अलग चिकित्सकों से चर्चा करने पर ये पता लगा कि  ये मच्छरों से ही फैलते है , चिकित्सक दो ही बातों पर जोर देते है कि अगर डेंगू से छुटकारा पाना हो तो 

  • मच्छरों को ज्यादा पनपने न दें 
  • और न ही खुले बदन (खास तौर पर बच्चे )ज्यादा देर रहें / क्योकि ये मच्छरों से फैलता है मच्छरों के काटने से चार से सात दिनों में ही ये बुखार आपको जकड़ लेगा /


आइये बात करते है इसके लक्षणों के बारे में:-

क्या है डेंगू के लक्षण

लक्षणों की बात करें तो सबसे पहले इससे मरीज़ को बुखार होता है और चिकत्सकों की माने तो बुखार   104 F डिग्री तक होता है इसके आलावा निम्नलिखित में  से कोई दो लक्षण देखने को अवश्य मिलेंगें:-

सिरदर्द
मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द
जी मचलना
उल्टी
आँखों के पीछे दर्द
ग्रंथियों में दर्द
शरीर पर दाने

हालाँकि इन बताये गए लक्षणों से मरीज़ एक से दो हफ्ते में ही उबर जाता है मगर ये सभी लक्षण ज्यादा हो तो मरीज़ की मृत्यु तक हो जाती है क्योकि ब्लड वेसल(धमनियां /रक्त वाहक शिराएँ )  या तो नष्ट हो जाते है या छेड़ हो जाते है

डेंगू के प्रकार

ध्यान दीजिये!  डेंगू बुखार के तीन प्रकार होते है / और इसके वायरस चार प्रकार के( जिनका 1 2 3 4 नाम ही दिया गया है )

तीन प्रकार के डेंगू के नाम क्या है ?

1 साधारण बुखार
2 डेंगू हेमोरोजिक  बुखार  (DHF )
3 डेंगू शॉक सिड्रोम (DSS)

छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुए मौते तीसरे प्रकार के डेंगू कारण हुई है जिससे शरीर के कई अंग पर सीधा असर डालते है /

साधारण डेंगू बुखार :- उपर दिए गए लक्षण ही साधारण  डेंगू के होते है
तो इस पर मै ज्यादा रौशनी नही डालता , वैसे ये स्वतः ही ठीक हो जाने वाले लक्ष्ण है/

मगर दूसरा (DHF )और तीसरे  (DSS) प्रकार के डेंगू ज्यादा खतरनाक होते है / अगर सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो मरीज़ जी मौत निश्चित है /
तो पहले इनके लक्षणों पर बात करते है फिर इनके उपचार पर/

डेंगू हेमोरोजिक  बुखार  (DHF ) के लक्षण :-

1 साधारण बुखार के लक्षणों के साथ साथ इस प्रकार के डेंगू में मल से तथा नाक मसूड़े से खून निकलता है
2. चमड़ी पर गहरे नीले -काले रंग के चकते बनते है जिनसे खून रिसने लगता है / डॉक्टर इसे मरीजों को “टोर्निके टेस्ट” लिखते है और जब मरीज़ के “टोर्निके टेस्ट” में पॉजिटिव परिणाम आता है तो उसे DHF है 

 डेंगू शॉक सिड्रोम (DSS) के लक्षण :-

1 इसमें मरीजो के उपरोक्त लक्षणों के आलावा “शॉक” आने के लक्षण नज़र आता है
2.  बुखार के बावजूद मरीज़ को ठण्ड लगती है
३. ब्लड प्रेशर कम होने लगता है और मरीज़ होश खोने लगता है
तो ये थे तीनो प्रकार के डेंगू के लक्षण

 इससे कैसे बचाव करें  ?
How to get rid of Dengue
डेंगू से बचाव के उपाय 

अब आईये बात करते है इनका इलाज क्या है ?

कहते है होम्योपैथी में इसका सटीक टीका उपलब्ध है मगर एलोपैथी एसा कोई दावा नही करता

चिकित्सा विज्ञान कहता है  कि रोकथाम ही इसका सही इलाज है आइये जानते है कि कैसे आप इसको फैलने से रोक सकते है ?

सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि मच्छरों को किसी भी कीमत में पनपने न दे / चिकित्सक कहते है एंडीज मच्छरों के काटने से ये होता है तो ज़रूरी है मच्छरों को न तो पनपने दें और न ही काटने दें / तो क्यों न हम इसे हालत पैदा करें की मच्छर ही पैदा न हों .... तो कैसे ये संभव है ?
अपने आस पास को साफ़ सुथरा रखे मच्छरों को पैदा होने न दें 
1.        जहाँ भी घरों में या आसपास पानी ठहरता है वहां साफ़ सफाई रखे क्योंकि एडीज मच्छर ठहरे हुए पानी में ही पनपता है / सुनिश्चित करें की कूलर का पानी, नाली का रुका हुआ पानी , टायर में भरा हुआ पानी साफ़ रखे
2.          पानी की टंकी या अन्य आवश्यक ठहरे हुए पानी को ढक कर के रखे ताकि मच्छर न पैदा हों /
3.         यदि कूलर का पानी साफ़ करना संभव नही हो तो उसमे सप्ताह में एक बार मिटटी तेल या पेट्रोल की कुछ बुँदे डाल दें / (100 लिटर पानी के लिए 30 ml तेल या पेट्रोल पर्याप्त है /
4.           टंकियों में गैमम्बुजिया या लेबिस्टर मछली डाल सकते है ये मछलियाँ मच्छरों के अंडे को खा लेती है जिससे ये पैदा नही हो पाती /
5.      कपडे इस प्रकार पहने कि शरीर का अधिकांश भाग ढका हुआ रहे/ संभव हो तो डॉक्टर की सलाह से शरीर पर मच्छर विरोधी क्रीम का लेप लगा कर रखे
6.         कूड़ा या कचरे को घर के आस पास न फेकें , कुल मिलकर ये कहा जाता है कि उन हालातों को न प्रोत्साहित करें जिसने मच्छर पैदा हों
7.               सुबह –शाम को घर पर ज्यादा मच्छर आ जाते है अतः इस समय दरवाजे खिडकियों को बंद रखे /
8.               जुलाई से अक्टूबर में डेंगू वायरस अधिक सक्रीय रहता है , सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग अवश्य कीजिये /
9.               सबसे महत्वपूर्ण बात – मरीज़ को मच्छर दानी के भीतर ही सोने दे , नही तो मच्छर उसे काट कर ,स्वस्थ व्यक्ति तक डेंगू वायरस फैला सकता है /
10.         बच्चों को हमेशा सावधान करे व रखें क्योंकि बच्चे ज्यादा ग्रसित होते है /
इन बातो का अवश्य ध्यान रखे तो आप डेंगू बुखार से बच सकते है /
याद रखिये बचाव ही रोकथाम है/

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इंग्लिश में मेरे जानने के लिए नीचे  लिखे लिंक पर क्लिक कीजिये/ 


Upendra




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